भगवान श्री वासुपूज्य की आरती
तर्ज—ॐ जय…… ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।पंचकल्याणक अधिपति-२, तुम अन्तर्यामी।।ॐ जय.।। चंपापुर नगरी भी, धन्य हुई तुमसे।स्वामी...
तर्ज—ॐ जय…… ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।पंचकल्याणक अधिपति-२, तुम अन्तर्यामी।।ॐ जय.।। चंपापुर नगरी भी, धन्य हुई तुमसे।स्वामी...
तर्ज—इह विधि मंगल आरति…… प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे,भव-भव के पातक हर लीजे ।।टेक.।। स्वर्ण वर्णमय प्रभा निराली,मूर्ति तुम्हारी है...
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।घृत दीपक से करू आरती,घृत दीपक से करू आरती।तुम अंतरयामी,ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥॥ ॐ जय...
ओम जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदंत स्वामी । काकंदी में जन्मे, त्रिभुवन नामी, ओम सब उतारे तेरी आरती ॥ ओम...
तर्ज—फूल तुम्हें भेजा……. आओ सभी मिल आरति करके, श्री सुपार्श्व गुणगान करें।मुक्ति रमापति की आरति, सब भव्यों का कल्याण करें।।टेक.।।...
जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । तुम बिन कौन जगत...
तर्ज—चाँद मेरे आ जा रे……. आरती सुमति जिनेश्वर की,सुमति प्रदाता, मुक्ति विधाता, त्रैलोक्य ईश्वर की।।टेक.।। इक्ष्वाकुवंश के भास्कर, हे स्वर्णप्रभा...
तर्ज—मैं तो आरती उतारूं रे…….. मैं तो आरती उतारूं रे, सम्भव जिनेश्वर की,जय जय जिनेन्द्र प्रभु, जय जय जय-२।।टेक.।। इस...
जय श्री अजित प्रभु, स्वामी जय श्री अजित प्रभु । कष्ट निवारक जिनवर, तारनहार प्रभु ॥ पिता तुम्हारे जितशत्रू और,...
आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान की माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी आरती हो...